8TH SEMESTER ! भाग- 99( NEW WAR-2)
विभा ने एक बार फिर से कॉल किया, अबकी मैने उसकी कॉल रिसीव तो की लेकिन रिसीव करने के अगले ही पल फिर से कॉल कट कर दी....विभा की कॉल डिसकनेक्ट करने के बाद विभा के बारे मे ही सोचते हुए मैने एक सिगरेट निकाली और हॉस्टल की छत पर आ गया...
पिछले कुछ दिनो की भयंकर घटनाओ,जैसे कैंटीन मे मेरी और गौतम की बहस और फिर आज पुलिस स्टेशन मे हुए ड्रामे से मैं ये भूल चुका था कि कुछ हफ्ते पहले मैने सेकेंड सेमेस्टर का एग्जाम्स दिया था...जिसका रिज़ल्ट कुछ दिनो मे आने वाला था, लेकिन जैसे मैं उस वक़्त ये भूल चुका था...लेकिन मेरे कॉलेज मे पढ़ने वाले 2318 स्टूडेंट्स नही भूले थे और ना ही हमारी यूनिवर्सिटी और ना ही मेरे हॉस्टल मे रहने वाले लफंगे स्टूडेंट्स.....इसलिए रिज़ल्ट अपने सही टाइम पर आया और मैं उपर हॉस्टल की छत पर खड़ा सिगरेट पी रहा था.....
"कहाँ है..."सौरभ ने कॉल किया..
"हॉस्टल की छत पर..."
"अबे रिज़ल्ट आ गया है..."
"एक मिनिट....आगे कुछ मत बोलना,वरना मर्डर कर दूँगा..."
रिज़ल्ट आ गया ये सुनते ही मेरे दिल की धड़कने एक दम से तेज़ हो गयी , इतनी तेज तो ईशा को देख के भी ये दिल नहीं धड़कता जितना तेज रिजल्ट का नाम सुनकर धड़क रहा है.... साला हार्ट फेल ना हो जाए. मैं वही हॉस्टल के छत के उपर खड़ा सोच-विचार करने लगा कि इस बार फैल होऊँगा या पास...मेरी आँखो के सामने वो वक़्त छाने लगा जब मैं एग्जाम्स हॉल मे बैठकर एग्जाम्स दे रहा था....
"4 सब्जेक्ट मे तो निकल ही जाउन्गा..."मैने खुद से कहा और आधी जली सिगरेट को वही फेक दिया....
"4 मे नही 5 मे पक्का एसी है..."खुद को दिलासा देते हुए मैने एक बार फिर से कहा....
"अरमान, Be A Mard, Man...."तीसरी बार खुद को दिलासा देते हुए मैं नीचे आया और हॉस्टल वॉर्डन के रूम मे गया ,जहाँ कंप्यूटर था और रिज़ल्ट प्रिनटाउट करवाने की सुविधा भी थी...
"रोल नंबर बताओ..."मुझे देखते ही वॉर्डन ने इतने लड़को मे से मुझे ही कहा, साले को मुझसे ज्यादा उत्सुकता थी.. मेरा रिजल्ट जानने की... खैर, मैने धीरे-धीरे करके अपने रोल नंबर का एक-एक डिजिट बताया और कंट्रोल वॉर्डन के हाथ से अपने हाथ मे ले लिया....
रिज़ल्ट मेरे सामने कंप्यूटर स्क्रीन पर था और मैने डाइरेक्ट उस जगह नज़र घमायी,जहाँ पास या फेल लिखा रहता है.....
"पास..."खुशी से मैं उछल पड़ा और वहाँ खड़े बाकी लड़को से गले मिला...मेरा CGPA इस बार 7.7 के करीब था, इसके बाद मैने अरुण और सौरभ का रिज़ल्ट देखा..पिछली बार की तरह अरुण का इस बार भी बैक लगा था और बैक लगाने का कारनामा सौरभ जी ने भी किया हुआ था....लेकिन उनके CGPA लास्ट सेमेस्टर . की तरह इस बार भी मेरे से ज़्यादा था....पर सालो की फिर भी बैक लगी थी... उनका चेहरा देखकर मज्झे जोर से हंसी आई... साले, खुद को श्री अरमान समझते है...
"पढोगे -लिखोगे नही तो बैक ही लगेगी ना और करो मस्ती "मैने चिल्लाकर सबके सामने अरुण और सौरभ को झाड़ा और ऐसे झाड़ा मानो पूरे सेमेस्टर मेरे हाथ से एक पल के लिए भी बुक ना छूटी हो....
"तेरा क्या हुआ बे..."प्रिनटाउट निकलवाने के बाद मैने वही खड़े एक लड़के से पुछा...
"3 सब्जेक्ट मे लुढ़क गया..."
"और तेरा..."मैने दूसरे से पुछा..
"दो मे बैक ..."
"देखो बेटा, पास होने के लिए पढ़ना पड़ता है...दिन भर फ़ेसबुक मे ऑनलाइन रहने से कुछ नही होता...अगली बार से मेहनत करना तभी पास हो पाओगे वरना सब सब्जेक्ट मे फेल हो जाओगे ...ठीक है... .साले गधो... छी.. मै तुम लोगो की जगह रहता ना तो अभी तक सुसाइड कर लिया होता.. पर तुम लोग ठहरे बेशर्म आदमी... क्या कहु तुम लोगो को......"
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जिन-जिन लड़को की बैक लगी थी उन्हे सुनाकर मैं अपने रूम आया...वहाँ सौरभ और अरुण बार-बार अपने रिज़ल्ट इस उम्मीद मे देख रहे थे की शायद उनसे देखने मे ग़लती हो गयी हो....
"तुम दोनो फिर से फेल हो गये...सालो "उनके जले पर नमक छिड़कते हुए मैने कहा...
"कुत्ते, तू बहुत खुश हो रहा है..."
"नही यार, मै कहा खुश हो रहा हूँ... एक्चुअली मैं तो बहुत दुखी हूँ...मेरे चेहरे पर मत जा, मैं अंदर से तेरी कसम बहुत ज़्यादा दुखी हूँ.. यदि मैं झूठ बोलू तो तू मर जाए "
"I Trust You, ये साले,हरामी यूनिवर्सिटी वाले हर बार मुझे ही क्यों लुढ़का देते है... इनकी माँ का ढोकला .."अरुण चिल्लाते हुए बोला...
"इसी बात पर बाथरूम को स्पर्म डोनेट करके आ..."उदास होने का नाटक करते हुए मैं बोला....
"अरुण रुक, मैं भी चलता हूँ..."अपना मोबाइल एक तरफ गुस्से से फेक कर सौरभ बोला...
"तू किधर चला बे..."
"साले मेरी भी बैक लगी है...मैं भी स्पर्म डोनेट करने जा रहा हूँ..."
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जिस दिन रिज़ल्ट आया,उस दिन हॉस्टल कुछ शांत था, जिसके भी रूम मे जाओ सब अपने रिज़ल्ट का प्रिनटाउट हाथ मे लिए देख रहे थे कि उन्हे किस सब्जेक्ट मे कितना नंबर मिला है....कुछ अपने घर फोन लगाकर खुशी से अपना रिज़ल्ट बता रहे थे तो कुछ फोन पर ही गालियाँ खा रहे थे....मेरे रूम मे खुद इस वक़्त मायूसी का माहौल था,इसलिए खुशी के माहौल की तालश मे मैं पूरे हॉस्टल मे घूमता रहा और रात के 1 बजे पूरे हॉस्टल का चक्कर मार कर अपने रूम लौटा तो देखा की अरुण ,सौरभ गहरी नींद मे है और उसी समय... यानी रात के 1 बजे विभा की कॉल फिर आई... ये तो साली,एकदम पीछे ही पड़ गई मेरे... क्या इतना स्मार्ट हूँ मैं...🤴?
"हां बोलो..."कॉल रिसीव करके मैं बोला...
"रिज़ल्ट आ गया तुम लोगो का, मालूम चला या नही..."
"रात के 1 बजकर 3 मिनिट पर तुमने ये बताने के लिए कॉल किया है..."
"नही...कुछ और भी बात करनी है..."
"तो डाइरेक्ट पॉइंट पर आने का, "
"देखो अरमान..."बोलकर वो चुप हो गयी...
"हां....दिखाओ...😜 ऊपर से लेकर नीचे तक "
"देखो अरमान, तुम मुझे बब्लैकमेल नही कर सकते..."
"ये पाप मैने कब किया...मैम "
"FM की लैब मे तुम अपने दोस्तो से क्या बोल रहे थे कि उन्हे तुम आ वॉक टू दा जंगल ,की कहानी बताओगे..."
"हां,तो उसमे बुरा क्या है..."
"आज के बाद वो सब भूल जाओ और किसी से उस बारे मे कुछ मत कहना..."
"वो क्या है कि मैं निहायत ही शरीफ और सच बोलने वाला इंसान हूँ....मुझे झूठ बर्दाश्त नही होता,इसलिए यदि कोई मुझसे पुछेगा तो सच बताना ही पड़ेगा ना... मैम "
"Arman, Respect your teachers.."
"दिल पे मत लो, मैम...., मुँह मे लो ..आसानी होगी"
"तुम शायद भूल रहे हो कि ,तुम्हारे FM सब्जेक्ट का नंबर मेरे हाथ मे है..."
"और आप शायद भूल रही है कि इज्जत मेरे हाथ मे है...जिसे मैं जब चाहू तब उतार सकता हूँ... इसलिए क्लास मे अपना रौब उसपर झड़ना ,जो उस काबिल लगे...मेरे सामने यदि दोबारा कभी ऐसी हरकत की तो मैं डाइरेक्ट फ़ेसबुक पर स्टेटस डाल दूँगा और उस दिन ग्राउंड पर जो हुआ उसकी पिक्स भी...जिसमे मैने वरुण और उसके दोस्तो की पेलाइ की और तू भी वहाँ मौज़ूद थी..."
"मैं कॉल रख रही हूँ..."
"तो रख दे, मैं कौन सा इंट्रेस्टेड हूँ तेरी जैसी लौंडिया से बात करने मे....तेरी जैसी को तो मैं चूसाता भी नही..."
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मेरे ऐसे जवाब से विभा समझ गयी थी कि उसके कपड़े मेरे हाथ मे है,जिसे मैं जब चाहू उतार सकता हूँ....लेकिन फिलहाल मैं ये सब करने के मूड मे नही था,क्यूंकी अक्सर मैने न्यूज़ पेपर और लोगो के मुँह से सुना था कि,लड़कियो की इज़्ज़त करनी चाहिए....और वैसे भी मैं विभा के साथ कुछ दूसरा ही काम करने का मूड बना रहा था और यदि मैं ऐसी हरकत करता तो मेरा वो काम शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाता... दीपिका मैम के मेरे लाइफ से चले जाने के बाद मुझे उसके बराबर ही हॉट लड़की चाहिए थी और मेरे fantasy ये भी थी कि वो एक टीचर हो..ऐसा नही था की विभा,दीपिका बाद एकलौती सेक्सी मेडम थी...कॉलेज मे और भी हॉट टीचर्स थी,लेकिन उनको पटाने मे टाइम लगता जो कि अपने पास नही था....इसलिए मैने विभा को चुना...
,विभा के केस मे मेरे दो फ़ायदे भी थे ,पहला ये की विभा मैम का शरीर,दीपिका मैम से ज्यादा कसा हुआ था ,ऐसा मैने अंदाज़ा लगाया और दूसरा ये कि वो मेरे कंट्रोल मे रहेगी.... लेकिन ऐसा सोचते वक़्त मुझे ये नही मालूम था कि मेरी ये सोच,मेरी ये हरकत...एक नयी लड़ाई की बुनियाद रख रही है और इस बुनियाद का नतीजा अब तक के नतीजो मे सबसे बुरा और भयंकर होगा.... यहाँ तक की जानलेवा भी ,लेकिन मैं नही रुका...क्यूंकी मुझे जल्द से जल्द विभा को पेलना था...मुझे ये काम फर्स्ट ईयर मे ही कर देना चाहिए था लेकिन फर्स्ट ईयर मे दीपिका मैम जैसी हॉट आइटम के सामने विभा को मैने इग्नोर मारा पर अब विभा मुझे माल लगने लगी थी...जिसे मैं जल्द से जल्द पेलना चाहता था...
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विभा को जाल मे फसाने के लिए सबसे पहला काम मुझे ये करना था कि मेरे इस अरमान की भनक किसी को ना लगे...मतलब की जैसे मैने दीपिका मैम को रात-ओ-रात उसके घर मे ठोका और सुबह होते ही बात आयाराम-गयाराम हो गयी... वैसी ही सिचुयेशन मैं विभा के केस मे भी अप्लाइ करना चाहता था... .इसलिए मैने अपने इस अरमान की भनक अरुण और सौरभ तक को नही लगने दी... दूसरा काम मुझे जो करना था वो ये की विभा पर काबू पाना...ताकि वो मेरी बात टाल ना सके और तीसरा काम उसे ठोकना....ताकि मुझे हर दिन स्पर्म बाथरूम को ना डोनेट करना पड़े....पहला काम तो अंडर प्रोसेसिंग था और इसकी भनक मेरे दोस्तो को तो दूर ,खुद विभा को ये नही मालूम था कि उसको लेकर मेरे अरमान क्या है...दूसरा काम था उसे कंट्रोल करना, जो मैं कल से शुरू करने वाला था और विभा को कंट्रोल करने का मेरा रामबाण ये था की जितना हो सके विभा को इग्नोर किया जाए...ताकि वो मुझसे बात करने के लिए तरस जाए...
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"अबे ओये रुक"वरुण ने एक जोरदार पंच मेरे हाथ मे मारते हुए बोला"क्यूँ बे साले...इस बीच मे ऐश कहाँ खो गयी...उसे पटाने के लिए तो तूने कोई प्लान नही बनाया और विभा के लिए बहुत बड़े-बड़े कारनामे किए तूने...."